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Showing posts from October, 2025

झाड़ी शाह बाबा का उर्स व मेले की तैयारियों का डी.एम और एस.पी ने जायजा कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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*संडीला/हरदोई* संडीला क्षेत्र में दिनांक 21.10.2025 को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक जनपद हरदोई द्वारा थाना संडीला क्षेत्रांतर्गत आयोजित होने वाले झाड़ीशाह बाबा मेला का भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था/मूलभूत सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली गई एवम् संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। *मेले की तैयारियों का जायजा* जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मेले के आयोजन स्थल का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था,यातायात प्रबंधन, स्वच्छता,पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। *सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम* मेले के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस बल की तैनाती की गई है और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा,यातायात प्रबंधन के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। *मूलभूत सुविधाओं का ध्यान* मेले के दौरान अक़ीक़त मंदो कों मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पेयजल,शौचालय,चिकित्सा सुविधाएं और लंगर की व्यवस्था की गई है। *अक़ीदत मंदो से अपील* जिलाधिकारी ...

जानिए गोवर्धन पूजा का पौराणिक महत्व !

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दीपावली के अगले दिन मनाई जाने वाली गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव का गहरा पौराणिक और धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में जब गोकुलवासी वर्षा के देवता इंद्र की पूजा कर वर्षा की कामना करते थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि वर्षा और जीवन का आधार वास्तव में गोवर्धन पर्वत और प्रकृति है। इस कारण श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की आराधना करने को कहा। इंद्र देवता इस पर क्रोधित होकर मूसलधार वर्षा करने लगे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सात दिन तक सभी गोकुलवासियों को वर्षा से बचाया। अंततः इंद्र ने अपनी गलती स्वीकार कर श्रीकृष्ण की स्तुति की। इस दिन लोग गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा करते हैं, घरों में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। यह पर्व पर्यावरण, पशुधन और अन्न के प्रति सम्मान का प्रतीक है। गोवर्धन पूजा हमें यह संदेश देती है कि प्रकृति की रक्षा और विनम्रता का भाव ही सच्ची भक्ति है। 🌾