जानिए गोवर्धन पूजा का पौराणिक महत्व !






दीपावली के अगले दिन मनाई जाने वाली गोवर्धन पूजा या अन्नकूट उत्सव का गहरा पौराणिक और धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में जब गोकुलवासी वर्षा के देवता इंद्र की पूजा कर वर्षा की कामना करते थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया कि वर्षा और जीवन का आधार वास्तव में गोवर्धन पर्वत और प्रकृति है। इस कारण श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की आराधना करने को कहा।






इंद्र देवता इस पर क्रोधित होकर मूसलधार वर्षा करने लगे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सात दिन तक सभी गोकुलवासियों को वर्षा से बचाया। अंततः इंद्र ने अपनी गलती स्वीकार कर श्रीकृष्ण की स्तुति की।






इस दिन लोग गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा करते हैं, घरों में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।





प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। यह पर्व पर्यावरण, पशुधन और अन्न के प्रति सम्मान का प्रतीक है। गोवर्धन पूजा हमें यह संदेश देती है कि प्रकृति की रक्षा और विनम्रता का भाव ही सच्ची भक्ति है। 🌾


Comments

Popular posts from this blog

बागेश्वर सरकार की पदयात्रा के समर्थन में हज़ारों लोगों की भीड़ रही शामिल

कृषि महाविद्यालय में कीटनाशक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पर निवंध प्रतियोगिता का आयोजन

कस्बे से लेकर गांव तक शान से लहराया तिरंगा