शिक्षा महानिदेशक पर गम्भीर आरोप लगा संडीला में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन खण्ड शिक्षा अधिकारी को सौंपा

 


सण्डीला से मुकेश सिंह की रिपोर्ट

महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार बेसिक शिक्षा में प्रयोग के नाम पर प्रदेश के लाखों शिक्षकों को प्रताड़ित करने का कार्य कर रहे है। जबरदस्ती प्रदेश के वेसिक शिक्षकों पर कर्मचारी अत्वरण एवं अनुशासन नियमावली, बेसिक शिक्षा परिषद नियमावली, के विरुद्ध जाकर मनमाने आदेश भय दिखाकर थोपने की कोशिश कर रहे हैं। 




जबकि प्रदेश का बेसिक शिक्षक प्रदेश की संवैधानिक संस्था बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की नियमावली के अंतर्गत कार्य कर रहा है। कोई भी नियम बनाने, परिवर्तन संशोधन करने, अथवा लागू करने हेतु प्रस्ताव परिषद में लाकर एवं बैठक कर पारित किया जाना चाहिए परन्तु परन्तु पिछले 05 वर्षों से बेसिक शिक्षा परिषद को अस्तित्वहीन कर दिया गया है। परिषद के सदस्यों के अधिकारों को छीन लिया गया है या अतिक्रमण कर लिया गया है। यह बेसिक शिक्षा परिपद पिछले लगभग 05 वर्षों से अस्तित्वहीन कर दी गयी है। यह किसी संवैधानिक संस्था के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। किसी एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा की भेंट बेसिक शिक्षा परिषद को नहीं चढ़ाया जा सकता। विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में टेबलेट दिए गए उनमें सिम और डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया परन्तु महानिदेशक  जबरदस्ती प्रदेश के बेसिक शिक्षक से अपनी आई0डी0 से निजी नाम से सिम और डेटा शिक्षक के पैसे से खरीदने का दबाव बना रहे है। प्रदेश का बेसिक शिक्षक सरकारी कार्य में अपना व्यक्तिगत विवरण देने हेतु विल्कुल ती सहमत नहीं है। 10 नवम्बर 2023 को पत्र जारी कर प्रदेश के सभी शिक्षकों को अपने निजी मोवाइल, निजी सिम, निजी नम्बर, निजी आई०डी०, निजी डेटा से 08:45 से 09 बजे प्रातः के मध्य आनलाइन उपस्थिति मय फेस के देने के निर्देश दिए गए हैं।

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