600 वर्ष पुराने भुईयां देवी मंदिर पर यूपी सरकारों की उदासीनता हावी

 


लखनऊ के एनएच -24 पर स्थित भुईयां देवी मंदिर में सावन मास में भक्तों की है विशेष आस्था



लखनऊ

बक्शी का तालाब 4 अगस्त।राजधानी लखनऊ के

सीतापुर लखनऊ नेशनल हाईवे  संख्या- 24 पर स्थित गांव के प्रख्यात  भुईयां देवी मंदिर में आज सावन मास के रविवार के दिन बृहद स्तर पर लखनऊ जिले सहित एवं अन्य दूर दराज से आये श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए । मंदिर का कार्य देख रहे शिव लाल यादव  एवं संरक्षक शिव बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि सावन मास के प्रारंभ दिन से  हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं और यहां पर आए दिन बच्चियों की  गोद भराई एवं  अन्य धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं। यहां पर किसी भी प्रकार का कोई चंदा आदि नहीं लिया जाता। यह  नंदना गांव का ग्राम देवी मंदिर है इसकी स्थापना के बारे मे बताया गया कि लगभग 600 वर्ष पुराना है यहां पर छोटा सा मंदिर था जिसको भुईयां देवी मंदिर नंदना के नाम से जाना जाता था। यहां पर पूरे वर्ष  श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। नंदना गांव के निवासी प्रदीप कुमार सिंह "डिम्पल" ने बताया कि मंदिर की बहुत ही मानता है जो भी श्रद्धालु यहां पर श्रद्धा भाव से मां से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए आते हैं मां उनकी सभी प्रकार से रक्षा करती है। मंदिर का कार्य देख रहे शिवलाल यादव ने बताया कि आज चार बच्चियों की दिखाई थी जिसमें एक बच्ची की शादी तय हुई। और उन्होंने बताया कि यहां पर किसी भी प्रकार का चंदा नहीं लिया जाता यह गांव का मंदिर है यहां पर निशुल्क व्यवस्था चल रही है। शीघ्र ही शनि देवता  की मूर्ति मंदिर परिसर में स्थापित की जाएगी।  मंदिर का कार्य देख रहे शिवलाल यादव ने बताया कि यहां पर सैकड़ों वर- वधू की दिखाई एवं गोद भराई का कार्य होता है। नगर पंचायत बक्शी का तालाब के ब्रांड एंबेसडर डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यह बहुत पुराना मंदिर होने के कारण सरकार को इसे पर्यटक स्थल बना देना चाहिए इसके लिए सरकार से मांग की जाएगी।वहीं मंदिर के आसपास रहने वाले बुजुर्ग लोगों को अफसोस यही है कि यह अतिप्राचीन शक्तिपीठ मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए उत्तर प्रदेश में शासन करने वाली किसी भी सरकार ने कोई ऐसा कार्य नहीं कराया जो लोगों की नजर में ठीक कहा जाए।सरकारों की उदासीनता इस अतिप्राचीन मंदिर पर पूरी तरह हावी नजर आती है।लेकिन लोगों ने उम्मीद जताई है कि संत समाज से जुड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मंदिर का जीर्णोद्धार अवश्य करा सकते हैं।

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