मौसम के बदलाव के आधार पर खेती करें किसान: डॉ सत्येंद्र
नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड द्वारा कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।
बक्शी का तालाब, 29 सितंबर।
नेशनल फ़र्टिलाइजर्स लिमिटेड लखनऊ कार्यालय द्वारा बक्शी का तालाब राजकीय बीज विक्रय केंद्र पर शनिवार को एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया | प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए प्रबन्धक क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ बी. के. मिश्रा द्वारा कंपनी के विभिन्न उत्पादों के बारे मे विस्तार पूर्वक जानकारी के देने के साथ ही पीओएस सेल के बारे में जानकारी दी गई। इसके उपरांत चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय निदेशक प्रो योगेश शर्मा द्वारा मिट्टी में कम हो रहे पोषक तत्वों की कमी पर चिंता जताते हुए बताया कि अब जिंक के साथ में सल्फर की भी कमी मिट्टी में हो रही है उन्होंने बेंटोनाईट सल्फर के प्रयोग से होने वाले लाभों से अवगत कराया। चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ गजेंद्र सिंह द्वारा आलू एवं गेहूं की फसल मे संतुलित उर्वरकों के उपयोग के बारे में अवगत कराया उन्होंने बताया कि गेहूं में 4:2:1 एक के अनुपात में नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश की आवश्यकता होती है जबकि किसान 7.7 : 3.1: 1 के अनुपात में नाइट्रोजन, फास्फोरस पोटाश का प्रयोग कर रहे हैं जिससे कृषि योग भूमि निरंतर खराब होती चली जा रही है जिससे उत्पादन के ऊपर प्रभाव भी पड़ रहा है। आलू की फसल के लिए 180 किलोग्राम नाइट्रोजन 80 किलोग्राम फास्फोरस तथा 100 किलोग्राम पोटाश प्रयोग करने के लिए किसानों को बताया। कहां आलू में पोटाश बहुत लाभदायक होता है इससे आलू सुरक्षित रहता है। उन्होंने संतुलित खाद के प्रयोग पर जोर देते हुए कहा कि नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के साथ में जिंक, सल्फर, मैग्निशियम एवं कैलशियम की भी फसलों को आवश्यकता होती है कहां की मिट्टी की जांच करने के बाद सूक्ष्म पोषक तत्वों का सही प्रबंधन फसलों के उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है। महाविद्यालय के कृषि कीट विज्ञान विभाग के सह- आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह द्वारा
किसानों को मृदा परीक्षण,संतुलित उर्वरकों के उपयोग की महत्ता एवं उन्नत नवीन कृषि पद्धतियों से अवगत कराया और किसानों को बताया की प्रमुख रूप से मौसम में परिवर्तन हो रहा है इस समय प्रमुख रूप से धान, लोविया , खीरा, बैंगन एवं टमाटर की निगरानी करते रहें, इस समय कीट एवं बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ता है मौसम बदलाव के आधार पर खेती करने पर जोर दिया । किसानों को जैविक खेती के लाभ बताएं । प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें किसानों को खेती संबंधित समस्याओं से जुड़े प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए। सहायक विकास अधिकारी कृषि विजय प्रकाश निगम ने पराली जलाने पर चर्चा की और किसानों को बताया कि पराली बिल्कुल न जलाएं इसका प्रयोग खाद बनाने में करें।
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राजकीय बीज भंडार प्रभारी मोहनी सैनी ने केंद्र पर उपलब्ध तोरिया, चना, मसूर एवं मटर की प्रजातियां एवं विभाग द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी पर चर्चा की। प्रशिक्षण के अंत मे सभी कृषक बंधुओं को मध्याह्न भोजन कराया गया और सभी कृषकों को 1 किलोग्राम किसान बेंटोनाईट सल्फर एवं तरल जैव उर्वरक का निशुल्क वितरण किया गया।
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कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रभारी महेश कुमार, वरिष्ठ पर्यवेक्षक विपणन रामेंद्र कुमार, प्राविधिक सहायक कोमल यादव , अवनीश कुमार, दीपक यादव एटीएम, प्रगतिशील किसान कृष्ण चंद्र रावत हरदोहरपुर, निखिल प्रताप सिंह बक्शी का तालाब, विश्वनाथ सांढामउ मुन्नीलाल परसहिया, रामसागर अरम्बा एवं लालता प्रसाद परसहिया सहित 84 किसानों ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण में आए हुए सभी किसानों को जिला प्रभारी महेश मौर्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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