सीड ड्रिल से बुवाई करने से बढ़ेगा गेहूं का उत्पादन

 



कृषि विभाग दे रहा किसानों को प्रशिक्षण।


कृषि विभाग की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत विकासखंड गोसाईगंज के ग्राम बघौली, कपेरा मदारपुर के अतिरिक्त सामान्य किसान भी आज लाइन से बुवाई की महत्ता को समझने लगे हैं जिससे कृषक अपने गेहूं की बुवाई छिटकवां विधि से न करके अब सीड ड्रिल, हैपी सीडर एवं सुपर सीडर का प्रयोग कर लाइन से बुवाई कर रहे हैं मौके पर उपस्थित नवज्योति किसान प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक शिव कुमार, कौशल किशोर का कहना है कि लाइन से बुवाई करने से खेत में दी गई खाद के संपूर्ण पोषक तत्व गेहूं की फसल को प्राप्त होती है


जबकि छिटकवां विधि से बोई गई फसल में गेहूं का बीज एवं उर्वरक अधिक डालने से खर्च भी अधिक बढ़ जाता है इसके अतिरिक्त जब फसल में बाली आती है और फूल व दाना भरते समय पानी लगाने के समय यदि तेज हवा चल गई तो छिटकवां  बोये गए गेहूं की फसल अधिक गिर जाती है जिससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। वहीं लाइन से बुवाई किए गए गेहूं में ऐसी समस्या नहीं आती है जिसकी पैदावार अधिक होने से कृषकों को अधिक लाभ प्राप्त होता है। आज सुमित कुमार,मोहम्मद अतीक, परशुराम,विनोद  व सुधीर के खेतों की सुपर सीडर से बुवाई की गई । चंद्रभान गुप्त कृषि महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गेहूं की बुवाई सदैव सुपर सीडर के द्वारा लाइन से ही करायें। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन हेतु निगरानी टीम कृषि विभाग से सहायक विकास अधिकारी धीरेंद्र कुमार राय,सुरेश कुमार राजपूत,सत्येंद्र नाथ तिवारी, एस एस गगन एवं रमेश कुमार द्वारा कृषकों को धान के पुआल को न जलाने की सलाह दी गई।  कंपोस्ट बनाएं अथवा बेलर मशीन द्वारा उसके बंडल  बनवाया जाय। ताकि पर्यावरण के साथ साथ जन मानस के स्वस्थ पर विपरीत प्रभाव न पड़े।

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